दिल्ली भारत की धड़कन
दिल्ली का इतिहास
दिल्ली का प्राचीनतम उल्लेख महाभारत नामक महापुराण में किया गया है, जहाँ इस को ईंद्रप्रस्त नाम से संबोधित किया गया है, पांडवो ने इन्द्रप्रस्थ को अपनी राजधानी बनाई थी उससे पता चलता है कि ईसा से दो हजार वर्ष पहले भी दिल्ली तथा उसके आस-पास मानव निवास करते थे|
दिल्ली भारत की राजधानी है, और एक केंद्र-शासित प्रदेश है।और इसका इतिहास बहुत प्राचीन है। इसका नाम इतिहास में कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि इंद्रप्रस्थ, ललकोट, कुष्ठपुर, दिल्ली, शाहजहांबाद, दिल्लीपतन आदि।
दिल्ली का ऐतिहासिक विकास बहुत समृद्ध है और इसे महत्वपूर्ण साम्राज्यों का केंद्र बनाने का योगदान मिला है। इसका प्रारंभिक इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जब यहां के राजा युधिष्ठिर ने अपनी राजधानी को इंद्रप्रस्थ स्थापित की थी। इसके बाद दिल्ली को कई बार आधिकारिक राजधानी घोषित किया गया और यहां पर कई महत्वपूर्ण साम्राज्यों ने शासन किया है।
दिल्ली’ या ‘दिल्लिका’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों पर पाया गया। इस शिलालेख का समय वर्ष 1170 निर्धारित किया गया। महाराज पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली का अन्तिम हिन्दू सम्राट माना जाता है।
1206ई० के बाद दिल्ली दिल्ली सल्तनत की राजधानी बनी। इस पर खिलजी वंश,तुगलक वंश,सैय्यद वंश,और लोदी वंश समेत कुछ अन्य वंशों ने शासन किया। ऐसा माना जाता है कि आज की आधुनिक दिल्ली बनने से पहले दिल्ली सात बार उजड़ी और विभिन्न स्थानों पर बसी, जिनके कुछ अवशेष आधुनिक दिल्ली में अब भी देखे जा सकते हैं।
दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों – कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं। 1483 वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है।
1947 में भारत की आजादी के बाद इसे अधिकारिक रूप से भारत की राजधानी घोषित कर दिया गया। दिल्ली में कई राजाओं के साम्राज्य के उदय तथा पतन के साक्ष्य आज भी विद्यमान हैं। सच्चे मायने में दिल्ली हमारे देश के भविष्य, भूतकाल एवं वर्तमान परिस्थितियों का मेल-मिश्रण हैं। तोमर शासकों में दिल्ली की स्थापना का श्रेय अनंगपाल को जाता है।
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दिल्ली का भूगोल :
दिल्ली भारत के उत्तरी भाग में स्थित है और यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर बसी हुई है। इसके जिलों में तीन महत्वपूर्ण भाग हैं: पुरानी दिल्ली, दिल्ली दिल्ली और नई दिल्ली।
पुरानी दिल्ली: पुरानी दिल्ली, जिसे शाहजहां ने 17वीं सदी में नगर और कई महत्वपूर्ण स्मारकों के साथ स्थापित किया था, यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसमें लाल किला, जामा मस्जिद, चांदनी चौक, और ओल्ड दिल्ली की प्रमुख बाजारों जैसे की चांदनी चौक और खारे बाजार शामिल हैं।
दिल्ली दिल्ली: दिल्ली दिल्ली उत्तरी दिल्ली का ऐतिहासिक केंद्र है, जहां विभिन्न सरकारी दफ्तर, बाजार, व्यापारिक क्षेत्र, और आवासीय स्थान स्थित हैं। इसमें भारतीय संसद, राष्ट्रीय संगठन, और विभिन्न बाजारों जैसे की चांदनी चौक और इंदिया गेट हैं।
नई दिल्ली: नई दिल्ली ब्रिटिश शासनकाल में बनाई गई नगर है और यह भारतीय राजनीति और शासन का केंद्र है। इसमें राष्ट्रीय स्मारक और प्रमुख सरकारी भवनों के साथ संगठित विभागों का समावेश है।
दिल्ली का भूगोलिक स्थान उन्नत यातायात सुविधाओं, रेलवे स्थानों, विमानस्थलों, और शहरी विकास के साथ एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह भारतीय राजधानी के रूप में अपनी महत्ता और ऐतिहासिक वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है।
दिल्ली पर्यटक स्थल {tourist place}
1.राजपथ:
2.लाल किला:
3. कुतुब मिनार: यह एक विश्व धरोहर स्थल है और यह मुग़लकालीन समय का इमारती सुंदरता का प्रतीक है। कुतुब मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, कुतुब मीनार दुनिया की सबसे ऊंची ईंटों से बनी मीनार है|इस के अलावा यहां पर इमाम जमीं की कब्र और अलाई दरवाजा भी मोजूद है |
4.जामा मस्जिद:यह दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है और इसकी अद्वितीय वास्तुकला और शानदारता दर्शनीय है। इस को शाह जहा ने बनवाई थी, इसे बनने में 6 वर्ष का समय और 10 लाख रु.लगे थे।यह लाल किले से 500 मीटर की दुरी पर है|
5.हुमायूँ का मकबरा:
6.लोटस मंदिर:
7.इंडिया गेट:यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की स्मृति के रूप में निर्मित हुआ है और इसे राष्ट्रीय स्मारक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
8.नेहरू प्लेस: यह दिल्ली की व्यापारिक क्षेत्र में स्थित है और यहां आपको विभिन्न वस्त्र, गहनों, और विभिन्न आइटम्स की खरीदारी करने का मौका मिलता है|
9.राजघाट: यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्मारकों में से एक है और इसे महात्मा गांधी की अंतिम आग्नेयकुंड के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस जगह पर महात्मा गाँधी की समाधी है, पास ही जहावर लाल नेहरु की समाधी भी है|यह जगह एक सुन्दर उद्यान का रूप ले चुका है।
10.राजीव चौक: यह दिल्ली की प्रमुख खरीदारी स्थलों में से एक है और यहां आपको कपड़ों, गहनों, और विभिन्न वस्त्र आइटम्स की खरीदारी करने का मौका मिलता है।
11.जंतर मंतर: यह विज्ञान और गणितीय यंत्रों का समूह है और इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है, जंतर मंतर को महाराजा जय सिंह II ने 1724 में बनवाया था यह स्थल समय और ग्रहों की गति का माप करने के लिए बनाया गया था
12.अक्षरधाम मंदिर: अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित है,यहां भव्य मंदिर, सुंदर बगीचे और लाइट एंड साउंड शो का आनंद ले सकते हैं यह मंदिर दिल्ली के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है। यह दिल्ली का एक विशाल हिंदू मंदिर है|
दिल्ली का खान-पान {food}
दिल्ली एक खाने के मामले में बहुत ही विविधतापूर्ण शहर है और यहां आपको विभिन्न प्रकार के खाने का आनंद लेने का मौका मिलेगा। यहां कुछ प्रमुख दिल्ली के खाने की स्पेशलिटीज़ दी जा रही हैं:
परांठे: ओल्ड दिल्ली के परांठी गली में आप परांठे का स्वाद ले सकते हैं। यहां आपको आलू, मिर्च, प्याज़ या मलाई के स्वादिष्ट परांठे मिलेंगे।
छोले भटूरे: दिल्ली के लोकप्रिय नाश्ते में से एक है छोले भटूरे। आप छोले भटूरे को गली में या रेस्टोरेंट्स में आनंद ले सकते हैं।
बिरयानी: दिल्ली में बिरयानी का लोकप्रियता बहुत है। आप मुग़लाई, हैदराबादी, लखनवी या कोलकाता स्टाइल की बिरयानी का आनंद ले सकते हैं।
तंदूरी चिकन: दिल्ली में तंदूरी चिकन की विशेषता है। आप तंदूरी चिकन, मलाई टिक्का, अफ़ग़ानी कबाब आदि का आनंद ले सकते हैं।
राजमा चावल: यह दिल्ली की प्रमुख स्पेशलिटी है और आप इसे रेस्टोरेंट्स या दिल्ली के सड़क खाने के स्थानों पर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
चाट: दिल्ली की चाट स्पेशलिटीज़ जैसे की पानी पूरी, भल्ले पापड़ी, आलू टिक्की, रगड़ा पेटिस आदि आपको बड़ी आसानी से दिल्ली के चाट वालों पर मिल जाएंगे।
कुल्चे चने: यह दिल्ली का प्रसिद्ध नाश्ता है। कुल्चे को गर्म गर्म चने के साथ परोसा जाता है और यह भारतीय खाद्य परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रबड़ी फलूद़ा: यह मिठाई दिल्ली की मशहूरतम मिठाइयों में से एक है। रबड़ी फलूद़ा को आप बड़ी आसानी से दिल्ली के मिठाई दुकानों पर प्राप्त कर सकते हैं।
ये कुछ प्रमुख खाने की विशेषताएं हैं जो आप दिल्ली में आनंद ले सकते हैं। दिल्ली में आपको और भी अनेक विकल्प मिलेंगे जैसे की पंजाबी, राजस्थानी, गुजराती, चीनी, इटालियन, थाई, जापानी, और मेक्सिकन खाने की स्पेशलिटी। यहां आप विभिन्न रेस्टोरेंट्स, ढाबे और फ़ूड स्ट्रीट्स पर खाने का आनंद ले सकते हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली एक व्यस्त शहर है, दिल्ली भारत की धड़कन ब्लॉग पोस्ट में जाने इस शहर की विशेषताओ के बारे में जिसमें विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियाँ और धर्मों के लोग रहते हैं। यहां आपको भारतीय वस्त्र, शिल्प वस्त्र, खाद्य पदार्थ और शिल्प की विविधता का अनुभव मिलता है। दिल्ली में खाने के लिए विभिन्न प्रकार के स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है।
इसके साथ ही, दिल्ली एक महत्त्वपूर्ण शिक्षा, विज्ञान, आर्ट, कला और व्यापार का केंद्र भी है। इसमें कई प्रमुख शिक्षा संस्थान, सांस्कृतिक स्थान, विज्ञान संस्थान, और व्यापारिक क्षेत्र स्थित हैं।
दिल्ली एक सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है जहां लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की सुविधा मिलती है। यह एक बड़े व्यापारिक और वाणिज्यिक केंद्र है जिसमें विभिन्न उद्योगों जैसे की बैंकिंग, फाइनेंस, रियल एस्टेट, बाजारी, और दुकानी कारोबार शामिल हैं।
इस तरह, दिल्ली एक समृद्ध, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और शिक्षात्मक महत्व रखने वाला शहर है। यह भारत के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखता है।