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Nagaland Expedition- Delving in the heart of Naga Heritage -नागालैंड आदिवासी संस्कृति की महाशक्ति -2024

Nagaland Expedition- Delving in the heart of Naga Heritage -नागालैंड आदिवासी संस्कृति की महाशक्ति -2024

Nagaland Expedition- Delving in the heart of Naga Heritage -नागालैंड आदिवासी संस्कृति की महाशक्ति -2024

Nagaland Expedition- Delving in the heart of Naga Heritage -नागालैंड आदिवासी संस्कृति की महाशक्ति -2024

नागालैंड, भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य है, और यह उत्तर प्रदेश के पड़ोसी देश नेपाल, चीन, भूटान, बांग्लादेश, और म्यांमार के साथ  बोर्डर को बाटता  है। यह राज्य अपनी प्राचीन और गहन सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य, और विविधता के लिए फेमस है। इस की राजधानी कोहिमा है

नागालैण्ड की सीमा पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से, पूर्व मेबर्मा से और दक्षिण मे मणिपुर से मिलती है। नागालैंड भारत का सब से छोटा राज्य है |1950 के विद्रोह की वजह से इस राज्य का विकास रुक सा गया था | पिछले डेढ़ दशक में, राज्य में हिंसा काफी कम हुई है, जिससे राज्य का सालाना आर्थिक विकास दर 10% के करीब पहुंचा  है, और यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे तेजी से तरक्की वाला राज्य बन गया है।

नागालैंड का इतिहास एक रिच और प्राचीन विवादित क्षेत्र के रूप में है, जिसमें विभिन्न नैगा नामक उपजातियों और गोत्रों के लोग रहते हैं। यहां तक कि नागालैंड का इतिहास उसके बारे में ज्यादातर मौखिक परंपराओं और किंवदंतियों के माध्यम से ही जाना जा सकता है, क्योंकि इसका लिखित इतिहास काफी कम है।

नागालैंड का इतिहास एक गहरे सांस्कृतिक सृजनात्मकता और विविधता की कहानी है, जिसमें यहाँ के लोगों की परंपरागत जीवनशैली और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण भूमिका है। आज, नागालैंड भारत के एक महत्वपूर्ण और आकर्षक राज्य के रूप में उभरा है, जो प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के लिए फेमस है।

इसका क्षेत्रफल 16,579 वर्ग किलोमीटर है और 2011 की जनगणना के अनुसार 19,80,602 लोग रहते हैं, जो इसे भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक बनाता है।

नागालैण्ड राज्य में 16 अलग-अलग जनजातियाँ रहती हैं। प्रत्येक जनजाति अपने अलग-अलग रीति-रिवाजों, भाषा और कपड़े से अलग है। हालांकि, धर्म और भाषा इन जनजातियों को आपस में जोड़ते हैं।अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा है। और अधिकांश लोग इसे बोलते हैं। नागालैंड भारत के उन तीन राज्यों में से एक है जहाँ बहुसंख्यक ईसाई हैं।

भारत का 16वां राज्य नागालैण्ड 1 दिसंबर 1963 को स्थापित हुआ। राज्य का अधिकांश हिस्सा पहाड़ी है, सिवाय असम घाटी के किनारे बसे कुछ हिस्सों के। राज्य का जमीन का केवल ९% हिस्सा समतल है। समुंद्र तल से 3840 मीटर की उँचाई पर माउंट सरामति, नागालैण्ड की सबसे ऊंची चोटी है।

नागालैंड का इतिहास बर्मा और असम से मिलता-जुलता है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि अंग्रेजों ने इसे नागा (हिंदी में नाग लोगो की भूमि) नाम दिया था।बहुत से नाग लोग भारत में रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र और नागालैंड में इनके नाम से राज्य और जिले  का नाम रखा गया । 1832 में यूरोपियन कैप्टन जेनकींस और पेंबर्टन नागालैंड पहुंचे थे। दिसंबर 1, 1963 को नागालैंड भारत का सोलवा राज्य बन गया।

प्राचीन काल

नागालैंड के क्षेत्र में प्राचीन काल से ही विभिन्न नैगा जातियाँ और गोत्र बसे थे। इन जातियों के लोग अपनी स्वतंत्र जीवनशैली और समाजी ढाँचे के साथ रहते थे।19वीं सदी में, ब्रिटिश औद्योगिकी के अफसरों का नागालैंड में प्रवेश हुआ और उन्होंने इस क्षेत्र को अपनी सामर्थ्य और सुदृढ़ता के आधार पर अपने राज्य में शामिल किया।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद, नागालैंड में नागा विद्रोह शुरू हुआ, जिसका अंजाम यह हुआ की नागालैंड 1963 में भारत का एक अलग राज्य बन गया। नागालैंड की सांस्कृतिक धरोहर बोहोत ही अलग है और इसमें गीत, नृत्य, चित्रकला, और विभिन्न पर्व-त्योहार शामिल हैं।लोक मत के अनुसार नागालेंड के  प्राचीन काल को महाभारत से भी जोडा जाता है |माना जाता है के कुछ पात्र यहाँ रहा करते थे |

नागालैंड का इतिहास बर्मा और असम से काफी मेल खाता है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि अंग्रेजों ने इसे नागा (हिंदी में नाग लोगो की भूमि) नाम दिया था।बहुत से नाग लोग भारत में रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र और नागालैंड में इनके नाम से राज्य और जिले  का नाम रखा गया । 1832 में यूरोपियन कैप्टन जेनकींस और पेंबर्टन नागालैंड पहुंचे थे। दिसंबर 1, 1963 को नागालैंड भारत का सोलवा राज्य बन गया।

 नागालैंड की राजधानी

नागालैंड की राजधानी कोहिमा (Kohima) है। कोहिमा नागालैंड के मशहूर होर्नबिल्ल फेस्टिवल का भी केंद्र है और यह शहर नागालैंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है।

कोहिमा नागालैंड के प्रमुख शिक्षा और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है, और यहाँ के संग्रहालय, गैलरी, और नृत्य कार्यक्रम नागालैंड की धरोहर को प्रमोट करते हैं। इसके अलावा, कोहिमा के चार्च और धार्मिक स्थल भी दर्शनीय हैं।

कोहिमा की पहले से ही एक खास जगह रही है |और यह नागालैंड की गहन इतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रमुख केंद्र है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य और पार्वतीय स्थल भी विवादित हैं, जो यात्री और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं।

नागालैंड में घुमने की जगह

1.कोहिमा: नागालैंड की राजधानी कोहिमा एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अपनी पार्वतीय सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यहां के दर्शनीय स्थलों में कोहिमा वन्यजीव अभयारण्य,

कोहिमा वन्यजीव बाग, और कोहिमा कृषि फेस्टिवल शामिल हैं।कोहिमा नाम अंग्रेजो द्वारा दिया गया था वास्तव में  इसका नाम ‘केवहिरा’ था। केवहिरा नाम की उत्पत्ति इस क्षेत्र में पाए जाने वाले सुन्दर फूलो की वजह से हुई थी|

2.मोकोकचुंग:

मोकोकचुंग एक छोटे से गांव की तरह है जो अपने आदिवासी जीवन और विशेष रूप से सांस्कृतिक उत्सव के लिए प्रसिद्ध है।

3.जौपू: जौपू एक अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो अपने खूबसुरत प्राकृतिक सौंदर्य और दर्शनीयता के लिए जाना जाता है।

4. दिमापुर: दिमापुर नागालैंड का व्यापारिक हब है और यहाँ के विशेष रूप से रंगमंच नाटक और दर्शनीय स्थलों के लिए फेमस हैं। दीमापुर के कुछ खास आकर्षण में ट्रिपल फॉल्स, कचहरी खंडहर, नागालैंड विज्ञान केंद्र और प्राणि उद्यान आदि शामिल हैं। दीमापुर शहर के पूर्वी भाग  में धनसिरी नदी बहती है| यह नागालेंड  के लाईसांग शिखर से निकलती है । जोकि अधभुत आकर्षण प्रस्तुत करता हैं।

5.टूझोणग मन्दिर: टूझोणग मन्दिर एक महत्वपूर्ण हिंदू मन्दिर है जो कोहिमा में स्थित है और दर्शनीयता के रूप में बहुत फेमस है।

6.मोन (Mon): मोन में बहुत अधिक दर्शनीय स्थल नहीं हैं, लेकिन फिर भी यह दुनिया भर से बहुत से लोगों को आकर्षित करता है। कोन्याक्स नागाओं का घर, मोन पर्यटकों को पंखदार लंगोटी पहने हुए टैटू वाले चेहरों का एक अनोखा और काफी मंत्रमुग्ध कर देने वाला नज़ारा  देखने को मिलता है |

7.बुधनी: बुधनी एक छोटा सा गांव है जो अपनी गहरे बाघ अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है।

8.पुंखा (Pungro): पुंखा एक अल्पसंख्यक इलाका है और यहाँ की अपूर्ण वनस्पति और वन्यजीवन के लिए प्रसिद्ध है।

9.किप्फर: किफ्फर नागालैंड में सबसे ऊंचा, सरमती के शिखर का घर है, जो 3-दिवसीय ट्रेक के बाद पहुंचा जाता है| जो एक सुंदर रोडोडेंड्रोन जंगल से गुजरता है।किप्फर एक छोटा सा गांव है जो अपनी खूबसुरत बागवानी और फूलों के लिए प्रसिद्ध है।

10.पेरेन:

पेरेन नागालैंड के उत्तरी भाग में स्थित है और यहाँ के प्राकृतिक ब्यूटी और आदिवासी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।

11.फेक: फेक पर्यटन स्थल के साथ एक पहाड़ी इलाका है। यह स्थल  वनस्पतियों और जीवों से भरा हुआ है। इसके अलावा स्पेल बाउंडिंग हिल्स और शिलाई झील यहाँ का एक महत्वपूर्ण आकर्षण है।

नागालेंड की भूमि और जलवायु

नागालैंड का भूगोल खासतोर पर उपजातियों और गोत्रों के लोगों के लिए आदिवासी संबंधित है। यहाँ की भूमि में पहाड़, घाटियों, झीलों, और घने वनस्पति शामिल है। यहाँ की जड़ों में गहरी नालियों और नदियों के कई उपनदियाँ भी हैं।

नागालैंड का जलवायु उष्णकटिबंधी होता है। साल के विभिन्न मौसम में तापमान में वार्षिक परिवर्तन होता है, जिसका असर कृषि कार्यों पर होता है। गर्मी में तापमान 20°C से 40 °C के बीच होता है, जबकि सर्दियों में यह काफी नीचे चला जाता है।

नागालैंड की भूमि और वर्षा इस जगह को और भी खुबसूरत बनाते है वनस्पति और वन्यजीवन यहाँ के जंगल के लिए एक आदर्श स्थल है, और यहाँ के वन्यजीवों में हिरण, गौर, टाइगर, एलेफेंट, और अन्य प्रजातियाँ शामिल हैं।नागालैंड में खेती एक महत्वपूर्ण आजीविका स्रोत है, और यहाँ पर पैदा किए जाने वाले खाद्य फसलें धान, जौ, मक्का, और आलू शामिल हैं।

नागालैंड की भूमि और जलवायु इस राज्य को अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए  मशहूर बनाती हैं, और यह विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक खोज के लिए भी एक बेमिसाल जगह है।

नागालैंड की जनसंख्या

नागालैंड की जनसंख्या काफी कम है और यह अनुसूचित जातियों का अधिकारी है।

नागालैंड की जनसंख्या कम है इस वजह से  इसका सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को संरक्षित रखने में मदद मिलती है। कैसेंस ऑफ इंडिया 2011 के अनुसार, नागालैंड की आबादी लगभग 19 लाख है। यहाँ की जनसंख्या अत्यधिक बारिक है और यहाँ के स्थानीय नागा जनजाति के लोगों के लिए संरक्षित खासतर अनुसूचित जातियों के लोगों के बीच बंट गई है।

नागालैंड की जनसंख्या कम होने के कारण, यहाँ की वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित बनाया जा सकता है और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखा जा सकता है। इसके अलावा, इसका मातृक भाषा और संस्कृति के प्रति प्रेम और सामाजिक व्यवहार भी इस राज्य के लोगों के संरक्षित सौंदर्य का हिस्सा है।

  नागालेंड की भाषा

नागालैंड में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, क्योंकि यह राज्य अनेक नागा उपजातियों और गोत्रों के लोगों के घर है। इनमें से हर भाषा अपनी खासियत और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ आती है। अंग्रेजी के अलावा, नागालैंड की अन्य भाषाएँ सांस्कृतिक धरोहर के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में हैं और इनका महत्व समझा जाता है।

अंग्रेजी: अंग्रेजी नागालैंड की आधिकारिक भाषा है और यहाँ के सरकारी कामों, शिक्षा, और प्रशासनिक कार्यों में उपयोग होती है।

नागामी: यह एक मुख्य भाषा है और इसे नागा जनजाति के लोग अपनी दैनिक बातचीत में प्रमुख रूप से उपयोग करते हैं।

अओ: अओ भी एक मुख्य नागा भाषा है और इसका उपयोग पश्चिमी नागालैंड के क्षेत्र में होता है।

लोथा: लोथा भाषा को दक्षिण नागालैंड के लोग बोलते हैं और यह भी एक महत्वपूर्ण नागा भाषा है।

क्यंग्जा: क्यंग्जा भी एक नागा भाषा है और इसका उपयोग नागालैंड के कुछ क्षेत्रों में होता है।

चंडा: चंडा भी एक महत्वपूर्ण नागा भाषा है और यह पूर्वी नागालैंड के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है।

संगठन

नागालैंड अनेक उपजातियों और गोत्रों के साथ भूपूर्वी भारतीय लोगों का घर है। नागालैंड में अनेक सांस्कृतिक संगठन और समूह होते हैं, जो अपनी भाषा, संस्कृति, और परंपराओं का प्रचार-प्रसार करने में मदद करते हैं।

पर्व-त्योहार

नागालैंड की सांस्कृतिक धरोहर में विभिन्न पर्व-त्योहार शामिल हैं, जो यहाँ की संस्कृति और लोकप्रियता का प्रमुख हिस्सा हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार है :

होर्नबिल्ल फेस्टिवल: होर्नबिल्ल फेस्टिवल नागालैंड का सबसे प्रमुख पर्व-त्योहार है और यह हर साल दिसंबर के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। इसमें नागा जनजाति की सांस्कृतिक प्रदर्शनी, नृत्य, गीत, और खेल शामिल होते हैं।

सोंग्स फेस्टिवल: सोंग्स फेस्टिवल भी एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव है, जो अप्रैल में मनाया जाता है। इसमें नागा जनजाति के लोग अपने प्राचीन गीत और नृत्यों का प्रदर्शन करते हैं।

मोनघोंग्यांग फेस्टिवल: यह फेस्टिवल नागालैंड के फेल्यूंग जनजाति के लिए महत्वपूर्ण है और इसे अप्रैल में मनाया जाता है। इसमें रंगमंच नाटक, गीत, और खेल शामिल होते हैं।

तुलुनी तोक्लू फेस्टिवल: तुलुनी तोक्लू फेस्टिवल जून में मनाया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य परंपरागत गीतों, नृत्यों, और कला का प्रदर्शन करना है।

अंगामी सेक्रेड फेस्टिवल: यह फेस्टिवल अगस्त में मनाया जाता है और अंगामी नागा जनजाति के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें धार्मिक आयोजन, नृत्य, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

धर्म

नागालैंड में अधिक जनसँख्या क्रिश्चन लोगो की है 88 .2% हिन्दू धर्म के लोग 9% मुस्लिम धर्म के लोग 3% रहते है |

नागालैंड की साक्षरता

नागालैंड की साक्षरता दर लगभग 80% है, यहाँ पर साक्षरता दर बढ़ती जा रही है|

नागालैंड की संस्कृति

नागालैंड की कला और संस्कृति एक दम अद्भुत है। नागालैंड की विशिष्ट परम्परा और रीति-रिवाज इस देश को अधिक लोकप्रिय बनाते हैं। यह पहाड़ियों के बीच स्थित नागालैंड राज्य में विभिन्न जनजातियों की भूमि है। नागालैंड की खूबसूरत हिल स्टेशनो और आज भी चलने वाली खोजबीनो की खबरें अखबारों में छपती रहती हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के सुंदर सुरम्य राज्य में सुंदर चाय के बागान, ऊंची पहाड़ियां और जीवंत संस्कृति हैं।

नागालैंड का भोजन

राइस (Rice): चावल नागालैंड के भोजन का मुख्य हिस्सा होता है और यहाँ की प्रमुख फसल है।

मांस (Meat): मांस नागालैंड के लोगों के खाने का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यहाँ पर गोश, मुर्गा, सुअर, और बफ़ालो का मांस बहुत अधिक पसंद किया जाता है, और इसे विभिन्न तरीकों से तैयार किया जाता है।

बाँस और बाँसकाम (Bamboo and Bamboo Shoots): बाँस नागालैंड में बहुत महत्वपूर्ण है और इसके पेड़ के अनेक हिस्से खाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। बाँसकाम भी खास तरीके से तैयार किए जाते हैं और यह एक स्वादिष्ट साब्जी होती है।

चटनियाँ (Chutneys): नागालैंड की चटनियाँ बहुत फेमस होती हैं और यहाँ के खाद्य पदार्थों के साथ परोसी जाती हैं। इनमें भूत जोलोकिया (दुनिया की सबसे तेजी से पेड़ बढ़ने वाली मिर्च) का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे चटनियों को एक अद्वितीय और तेज़ स्वाद मिलता है।

आलू और सब्जियां (Potatoes and Vegetables): स्थानीय आलू और सब्जियां भी नागालैंड के भोजन का हिस्सा होती हैं।

नागालैंड की हस्तकला

नागालैंड में हस्तशिल्प कला भी प्रमुख है, और यहाँ के लोग चीर, बांस, बांसकाम, और गहनों का निर्माण करते हैं। इन उत्पादों में स्थानीय रंग, डिज़ाइन, और पैटर्न का प्रयोग होता है।

नागालैंड की प्रसिद्ध कला और शिल्प में जनजातियों का बहुत बड़ा हाथ है, खासकर महिलाओं का। हालांकि, नागालैंड के लोगों का मुख्य काम सिचाई है। यहाँ पीतल और टिन से बनाई गई मूर्ती बहुत सुंदर होती हैं। नागालैंड सुंदर बाजूबंदों, चूड़ियों और आभूषणों के लिए जाना जाता है। बीड्स का उपयोग इन आभूषणों को खूबसूरत बनाता है। नागालैंड आने वाले लोग हस्तनिर्मित कलाकृतियों से सुंदर बनाई हुई चीज़े खरीद कर लेजाते है |

निष्कर्ष

नागालैंड की आबादी अधिकांश नागा नामक जनजातियों से मिलकर बनी है, और इसका एक विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत है। यहाँ की सुनहरे फसलों, जैसे कि धान, अड़ुसी, और तिल्ली, बगीचों में उत्पादित होते हैं। नागालैंड का भौगोलिक रूप से खूबसुरत दृश्यनगर है, जिसमें पहाड़, घाटियों, और जलवायु के साथ-साथ बनी जगहों का विस्तार होता है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और प्राकृतिक सौंदर्य की खूबसुरती के लिए प्रसिद्ध है।

नागालैंड की सांस्कृतिक धरोहर में उनकी जीवनशैली, गीत-नृत्य, और जीवन की महत्वपूर्ण रस्में शामिल हैं। यहाँ के लोग अपनी परंपरागत धार्मिक प्रथाओं का पालन करते हैं, जिनमें हिंदू और क्रिश्चन धर्म शामिल हैं।

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