Malaysia A Symbol of Unique Power-मलेशिया: एक विकासशील देश का परिचय
मलेशिया का इतिहास
मलेशिया का इतिहास बहुत ही पुराना औरअलग है, और इस में कई तरह की समृद्धि और विकास के प्रमुख मोड़ शामिल हैं। मलेशिया दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित है और यह दिवाना और पुलाउ पूलू आपसी बाधाओं के बावजूद विभिन्न नृजातीय और धार्मिक समृद्धि का देश है।इस संवेधानिक राजतंत्र में 13 राज्य और 3 संधीय क्षेत्र शामिल है |मलेशिया दो गैर-सन्निहित क्षेत्रों से बना है|जिसे पश्चिम मलेशिया और पूर्वी मलेशिया कहा जाता है |
यहां तक कि इसका इतिहास भी इस मिश्रित और विविध संस्कृति के विकास का परिचय देता है।मलेशिया का इतिहास इसके समृद्ध धर्म, संस्कृति, और राजा-रानियों के रंगीन इतिहास का हिस्सा है और यह एक आकर्षण से भरपूर देश है जिसमें विविधता का गर्व है।
मलेशिया प्राचीन काल से चीन, भारत और मलेशिया के बीच व्यापारिक केंद्र था। मलक्का एक महत्वपूर्ण व्यापार बंदरगाह बन गया जब यूरोपीय लोगों ने इस क्षेत्र में आना शुरू किया। बाद में मलेशिया ब्रिटिश साम्राज्य का एक हिस्सा बन गया।
31 अगस्त 1957 को, इसका प्रायद्वीपीय भाग फेडरेशन मलाया के रूप में स्वतंत्र हुआ। 1963 में मलाया, सिंगापुर और बोर्नियो मलेशिया बन गए। 1965 में सिंगापुर अलग हो गया और स्वतंत्रता प्राप्त की।
प्रागैतिहासिक काल:
मलेशिया का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से ही शुरू होता है, जब यहां के क्षेत्र में पुराने मानव जीवाश्म और औद्योगिक साक्षरता के सबूत मिलते हैं।मलेशिया का प्रागैतिहासिक काल अप्राचीन काल से लेकर मध्यकालीन काल तक कई अलग -अलग जनजातियों और संस्कृतियों के आगमन का साक्षर रहा है। इस क्षेत्र में प्रागैतिहासिक काल के दौरान कई तरह के अलग -अलग समाज और सभ्यता का विकास हुआ था मलेशिया क्षेत्र में प्रागैतिहासिक काल के दौरान, यहां के लोग वन्य जीवों का शिकार करने में और समुद्र किनारे पर मछली पकड़ने में जुटे रहे थे। इसके लिए वे तीरंदाजी, मछली पकड़ने के तरीके, और अन्य जीवन कौशलों का अभ्यास करते थे।
प्रागैतिहासिक काल के दौरान, स्टोन एज का युग भी मलेशिया में था, जिसमें पत्थर के उपकरण और हथियार बनाऐ जाते थे| यह वह समय था जब इंसान समुद्र किनारे पर बसे हुए थे और उन्होंने अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए और बेहतर उपकरण विकसित किए।
ब्रॉन्ज एज के दौरान, कांस्य और पातल ताम्र का उपयोग शस्त्रों और उपकरणों के निर्माण में किया जाने लगा। इसके साथ ही मलेशिया क्षेत्र में वाणिज्यिक गतिविधियों की भी शुरुआत हुई , जिससे यहां का सामाजिक और आर्थिक विकास हुआ।
बौद्ध और हिन्दू संस्कृति:
प्रागैतिहासिक काल के दौरान, मलेशिया में बौद्ध और हिन्दू धर्म का प्रसार हुआ। यहां पर बौद्ध और हिन्दू मंदिर बने और संस्कृति के प्रमुख प्रतीक और श्रृंगारिक कला के प्रतीक मिलते हैं।
भूमि सर्वकालीन:
मलेशिया क्षेत्र का इतिहास विभिन्न शासकों, साम्राज्यों और सिलसिलवार रूप में संचलित हुआ है, जैसे कि श्रीविजय इम्पायर, मलय साम्राज्य, चम्पा, ख्मेर इत्यादि।मलेशिया की भूमि सर्वकालीन इतिहास में एक महत्वपूर्ण पीरियड है जिसमें विभिन्न साम्राज्यों और संस्कृतियों ने इस क्षेत्र को आपसी संबंध और धार्मिक प्रतिष्ठान के रूप में प्रभावित किया।
7वीं सदी में श्री विजय इम्पायर (Srivijaya Empire) नामक साम्राज्य मलेशिया के पहले सम्राटों में से एक था। यह साम्राज्य पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में व्यापार का केंद्र था और मलेशिया को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक हब बनाया।
श्री विजय इम्पायर के बाद, मलय साम्राज्य (Malay Kingdoms) का समय आया, जिसमें मलेशिया के अलग-अलग जगहों में छोटे-छोटे साम्राज्य बने और उन्होंने अपनीआज़ादी का मज़ा लिया।
इस दौरान, मलेशिया को चम्पा और ख्मेर साम्राज्यों के प्रभाव के तहत आन्दोलनकारी और धार्मिक बदलावों का सामर्थ्य मिला।
14वीं सदी में इस्लामी सम्राटों का आगमन हुआ और इस्लाम धर्म का प्रचार मलेशिया में होने लगा।
16वीं और 17वीं सदी में पोर्टुगीज और डच व्यापारी और खोजकर्ता मलेशिया के क्षेत्र में पहुंचे और वहां के तात्त्विक और सांस्कृतिक प्रतिस्थापन का आयोजन किया।
पोर्तुगीज आगमन 16वीं सदी में हुआ,| उन्होंने यहां के स्पाइस और अन्य दुर्लभ वस्त्रों के लिए अपने व्यापारी रूख बदल दी और कुछ स्थानीय राजा उनके साथ व्यापार करने के लिए राज्यों के नेताओं के रूप में मदद करने लगे।
17वीं सदी में, डच पूर्व भारत कंपनी (Dutch East India Company) के प्रतिनिधित्व में नेतृत्व करके डच भी मलेशिया में आए। और उन्होंने मलका और जवा द्वीपों पर अपने आप ही अधिकार जमा लिए और एक समर्थक व्यापारिक नेतृत्व स्थापित किया।
पोर्तुगीज और डच के आगमन से मलेशिया के साम्राज्यों पर असर पड़ा, विशेषकर मलाका और जवा के साम्राज्यों पर। यह दोनों देश ने यहां के व्यापार को नियंत्रित किया और यहां के साम्राज्यों के साथ सम्बंध बनाए रखे।
कुल्हादी और सुल्तान कुल्हादी (Kuala Lumpur) और एक प्रमुख मलेशियाई स्थलीय राजा बने, जिन्होंने पोर्तुगीजों के साथ सामर्थ्य बनाया और डच के प्रतिष्ठान को बढ़ावा दिया।
इस प्रकार, पोर्तुगीज और डच के आगमन ने मलेशिया के इतिहास को बदल दिया और यह दर्शाया कि इस क्षेत्र के साम्राज्यों के साथ यूरोपीय देशों के संबंध कैसे बने और विकसित हुए।
ब्रिटिश शासन:
18वीं सदी के आखिरी दशक में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मलेशिया को अपने अधिकार में लिया, और वहां पर ब्रिटिश शासन स्थापित किया। इसके परिणामस्वरूप मलेशिया ब्रिटिश राजा की राजधानी बन गया और ब्रिटिश राज्यों का हिस्सा बना।ब्रिटिश शासन मलेशिया के इतिहास का ख़ास हिस्सा था, जिसे 18वीं सदी के आखिरी दशक में शुरू किया गया और 20वीं सदी के मध्य तक चला। ब्रिटिश शासन के दौरान, मलेशिया क्षेत्र का नाम “मलया संघ” रखा गया और यह ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
मलेशिया के अधीनता में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश 18वीं सदी में हुआ। कंपनी के प्रतिनिधि यहां के व्यापार को नियंत्रित करने और साम्राज्य को बढ़ावा देने में मदद करते रहे।
मलेशिया के क्षेत्र में स्तिर ब्रिटिश शासन की शुरुआत 19वीं सदी के आसपास हुई, जब ब्रिटिश कम्पनी का प्रतिनिधित्व सशक्त हुआ और यह इस जगह को अपने अधीन में लिया।
ब्रिटिश शासन के तहत, मलेशिया क्षेत्र को नियमित किया गया और अधिकारिक प्रबंधन किया गया। इसके तहत, विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय नेतृत्व को समाप्त किया गया और ब्रिटिश प्रशासन स्थापित किया गया
ब्रिटिश शासन के दौरान, मलेशिया के इंफ्रास्ट्रक्चर को मोडर्नाइज किया गया, जैसे कि रेलवे नेटवर्क का निर्माण किया गया और विभिन्न शहरों को जोड़ा गया। ब्रिटिश शासन के दौरान, भूमि सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए, जिसमें जल संचालन, कृषि विकास, और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया गया।
ब्रिटिश शासन के तहत, नए भूमि कानून और शिक्षा सिस्टम का आयोजन किया गया, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हुआ। ब्रिटिश शासन के बाद, मलेशिया में स्वतंत्रता संग्राम आरंभ हुआ, जिसका परिणामस्वरूप 1957 में मलेशिया ने अपनीआज़ादी को हासिल किया।ब्रिटिश शासन के दौरान मलेशिया क्षेत्र में व्यापार, औद्योगिक विकास, और अंतरराष्ट्रीय सम्बंधों में सुधार हुआ, लेकिन इसके साथ ही स्वतंत्रता संग्राम की भी शुरुआत हुई और ब्रिटिश शासन का अंत हुआ।
स्वतंत्रता संग्राम:
मलेशिया में स्वतंत्रता संग्राम की आवश्यकता की तलाश में स्वतंत्रता संग्राम की बुनाई शुरू हुई, और इसका अंजाम ये रहा की 1957 में मलेशिया ने अपनी आज़ादी हासिल की।मलेशिया का स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ आयोजित किया गया था और यह मलेशिया की आज़ादी हासिल करने का खास मोड़ था। स्वतंत्रता संग्राम के पीछे कई कारण थे, जिनमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सामाजिक और आर्थिक अन्याय, और राष्ट्रीय गौरव की भावना शामिल थी।
19वीं सदी के आखिरी दशक से 20वीं सदी के आधी तक, जावा (इंडोनेशिया) में स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत बने। इससे मलेशिया के भी स्वतंत्रता संग्राम के समर्थक और संघर्षक उत्थान हुआ।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, 1957 में सोन्गाई बुलोह समझौता की गई, जिसमें मलेशिया के विभिन्न भूखंडों के साथ एक संघ बनाने का प्रस्ताव था। यह समझौता स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत में यह भी एक महत्वपूर्ण कारक था कि ब्रिटिश शासन के दौरान मलेशिया में आर्थिक और सामाजिक अन्याय हुआ था, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक हालत बिगड़ी थी।
1957 में सोन्गाई बुलोह समझौते के बाद, मलेशिया का गठन 1963 में हुआ, जिसमें सबसे पहले मलाया, सिंगापुर, सरावक, और सबह (ब्रुनेई से बाहर है) शामिल थे। इसके बाद 1965 में सिंगापुर को अलग किया गया।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भूमिगत संघर्ष और प्रदर्शन भी बढ़े, जिनमें अनशन, हड़ताल, और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन शामिल थे।मलेशिया ने 31 अगस्त 1957 को ब्रिटिश शासन से आज़ादी हासिल की। मलेशिया का स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बडा आन्दोलन था, जिसमें लोगों की आवाज को सुना गया और इसे स्वतंत्रता का सफल उदाहरण माना जाता है।
मलेशिया में भूमिगत संघर्ष के माध्यम से लोगों ने अपने अधिकारों और सामाजिक न्याय की मांग की और अकेले या साथ में संघर्ष किया ताकि उनकी मांगें समाज में ध्यान दी जाएं। इसके नतीजे में मलेशिया कीआज़ादी और न्याय की दिशा में सुधार हुआ और सामाजिक बदलाव हुआ।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापानी आक्रमण के खिलाफ, मलया में भूमिगत संघर्ष की शुरुआत हुई, जिसमें बहुत से मलेशियाई नागरिक ने जापानी शासन के खिलाफ युद्ध और आंदोलन करना पड़ा |
जापानी साम्राज्य के पतन के बाद, मलेशिया के स्वतंत्रता संग्राम के आसपास गतिविधियाँ बढ़ीं और लोगों ने ब्रिटिश कम्पनी के खिलाफ आंदोलन किया।
मलया के स्वतंत्रता संग्राम में मलय नागरिक इन्डियन कांग्रेस का महत्वपूर्ण योगदान था, जिन्होंने इंडियन कांग्रेस के साथ मिलकर भूमिगत संघर्ष में भाग लिया और आपसी सहमति की बजाय अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
1957 स्वतंत्रता संग्राम के परिणामस्वरूप, मलेशिया का गठन हुआ, जिसमें ब्रिटिश भूमि से स्वतंत्र होकर आए भूमिगत संघर्षकों ने भी भाग लिया।
2007 मलेशिया में हिंद्रा (Hindraf) के नेतृत्व में हिन्दू तथा दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ सोशल और आर्थिक असमानता के खिलाफ आंदोलन हुआ, जिसमें लाखों लोग शामिल हुए।
आज का समय :
आजकल मलेशिया एक विकसित देश है, जिसमें व्यापार, पर्यटन, और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है। यह एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण वाले समृद्धिपूर्ण समाज के साथ एक मल्टीकल्चरल देश है, जिसमें मलय, चीनी, इंडियन, और अन्य समृद्धिपूर्ण समृद्धिपूर्ण सांस्कृतिक गुण हैं।
मलेशिया की राजधानी :
मलेशिया में सब कुछ इतना व्यवस्थित है कि आनेवालों को कोई परेशानी नहीं होती कुआलालम्पुर शहर में अनगिनत सड़कें हैं। इस्ताना निगारा शहर को जानने का पहला स्थान है। यह मलेशियाई राजा का घर है। शहर को पेट्रोनस जुड़वा मीनार से भी जाना जाता है, जो कुआलालम्पुर में हर जगह थोड़ी सी ऊँचाई से दिखाई देता है। 451.9 मीटर ऊँचे इन टॉवर्स में 86 मंजिलें हैं, लेकिन 41वें मंजिल पर पुल है और टूरिस्ट को उस पुल तक ले जाया जाता है।और एक दिन में लिमिटेड टूरिस्ट को ही जाने दिया जाता है |और इसके लिए कोई फीस नहीं लिजाती।
कुआलालम्पुर सिटी सेन्टर पार्क, पेट्रोनस टॉवर्स के पास बनाया गया है, जिसमें एक हजार से अधिक पॉम के पेड़ लगाए गए हैं। एल टॉवर और एलसीसी एक्वेरियम भी देखने लायक हैं। 150 प्रजातियों की मछलियाँ इस एक्वेरियम में पांच हजार स्केफुट में हैं। इसमें एक 90 मीटर की टनल भी है, जो आपको लगता है कि आप इन्हें समुद्र के भीतर से देख रहे हैं। इसके अलावा बटरफ्लाई पार्क, आर्किड पार्क और नेशनल प्लेनेटोरियम भी बहुत सुंदर हैं।
कुआलालम्पुर में बहुत सारे शॉपिंग मॉल्स हैं। मलेशिया का सबसे बड़ा मॉल 3450000 स्के. फुट में फैला बरजाया टाइम स्क्वेअर मॉल है। इसमें दुनिया भर के शीर्ष ब्रांड्स उपलब्ध हैं। यहाँ के कुछ छोटे-छोटे मॉल्स में भी खरीददारी की जा सकती है। सन वे सिटी होटल का वॉटर पार्क बहुत बड़ा है। इसके पास छः मंजिला मॉल और आईस स्केटिंग की सुविधा है।
मलेशिया में घुमने लायक जगह और टूर की पूरी जानकारी :
1.कुआला लम्पुर (Kuala Lumpur):
कुआला लम्पुर, मलेशिया की राजधानी है, और यहाँ पेट्रोनस टॉवर, बत्ती कैव और मेनारा तामाना गोयां जैसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थल हैं।
2. पेनांग (Penang): पेनांग आपको इसकी खूबसुरत तटों, ऐतिहासिक शहर, और विश्व धर्मशालाओं के लिए जाना जाता है।
3. लंगकावी (Langkawi): लंगकावी एक प्राकृतिक खेलों के लिए प्रसिद्ध द्वीप है, और यहाँ पर अपनी सुंदर तटों, वन्य जीवन, और केबल कार के साथ हिल टॉप व्यूज का आनंद लें।
4.मालाका (Malacca):
मालाका एक ऐतिहासिक शहर है जो कॉलोनियल विभाग के अवशेषों, पुराने चर्चों, और औद्योगिक किनारे के नजारों के लिए प्रसिद्ध है।
5.बोरनियो (Borneo): मलेशियाई बोरनियो द्वीप घर है वन्य जीवन, जंगल, और अनगिनत साहसी गतिविधियों के लिए। यहाँ पर कोटा किनाबालू और कुचिंग जैसे शहर हैं, जिन्हें आप गिर जंगल सफारियों के लिए बेहद अनुभव सकते हैं।
6.तामान नेगारा नेशनल पार्क (Taman Negara National Park): यह यहाँ के सबसे पुराने और बड़े नेशनल पार्क में से एक है, और यहाँ आप वन्य जीवन, जंगल सफारियों, और जुंगल ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं।
7.कैमरून्ग जावा (Cameron Highlands):
यह हिल स्टेशन मलेशियाई हाइलैंड्स में स्थित है और यहाँ पर ठंडा मौसम, चाय बगीचों, और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का मौका मिलता है।
8.पुत्राजाया (Putrajaya): यह एक आधिकारिक नैतिकी और प्रशासनिक स्थल है और यहाँ के आधिकारिक इमारतें और झीलें दर्शनीय हैं।
9.इपोह, पेराक: इपोह अच्छे भोजन और अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों का स्थान है जो इसे मलेशिया में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक बनाता है।
10 .कुचिंग: इसमें सारावाक संग्रहालय और चीनी संग्रहालय जैसे खूबसूरत विरासत स्थल हैं।यदि आप कुछ बिल्ली का अनुभव करना चाहते हैं, तो विशेष कुचिंग बिल्ली संग्रहालय में जाएँ और आनंद ले
मलेशिया की अर्थव्यवस्था:
मलेशिया की अर्थव्यवस्था एक विविध और विकसित अर्थव्यवस्था है जो बोहोत सी जगहों में गतिमान है, और यह दक्षिण-पूर्व एशिया के मध्य में स्थित है। मलेशिया की अर्थव्यवस्था के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में निम्नलिखित है:
मलेशिया की अर्थव्यवस्था में बोहोत से क्षेत्र का विकास किया गया है, जैसे कि उद्योग, कृषि, वित्त, पर्यटन, और तकनीकी उत्पादन। निर्माण और औद्योगिकीकरण मलेशिया के उद्योग क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं, और इलेक्ट्रॉनिक्स, उद्योगिक आउटोमोटिव, और गरमा स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश किया जा रहा है।
मलेशिया ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न सुविधाएँ प्रदान की है, जिससे विदेशी कंपनियों ने मलेशिया में विभिन्न उद्योगों में निवेश किया है।
निवास और आवास क्षेत्र मलेशिया की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, और यहां पर विभिन्न प्रकार के आवासीय परियोजनाएं हैं, जिनमें निजी और सरकारी विकसक शामिल हैं।
मलेशिया में इनोवेशन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश किया जा रहा है, और सरकार ने साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित किया है।
मलेशिया में टूरिस्ट का खास योगदान है और यहां पर खूबसूरत समुद्र तट, वन्य जीवन, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध स्थल हैं, जिस के कारण भारी तादाद में टूरिस्ट आते है|
मलेशिया के लोगो का धर्म :
मलेशिया एक मुस्लिम देश है मलेशिया के बहुत से लोग मुस्लिम हैं, और इस्लाम यहां का प्रमुख धर्म है. मलेशिया के बहुत से मुस्लिम लोग सुन्नी मुस्लिम हैं, लेकिन शीआ मुस्लिम भी कुछ हिस्सों में है| मलेशिया में हिन्दू धर्म के अनुयायी भी हैं, और इसका प्रकारिक अनुसरण करते हैं। तामिल, तेलुगु, मलयालम, और गुजराती समुदाय इस धर्म के लोग भी यहाँ रहते है |
मलेशिया में बौद्ध धर्म के मानने वाले भी हैं, और वे बौद्ध धर्म के सिद्धार्थ गौतम बुद्ध के पारम्परिक उपदेशों का पालन करते हैं। मलेशिया में क्रिश्चन धर्म के अनुयायी भी हैं, और यह लोग अलग -अलग क्रिश्चन समुदायों से हैं, जैसे कि कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट, और ओर्थोडॉक्स। मलेशिया में सिख धर्म के मानने वाले भी हैं, और वे गुरु नानक देव और उनके उपदेशों का पालन करते हैं।
मलेशिया देश का व्यंजन :{food}
मलेशिया देश का खाना बहुत ही अलग होता है और यह विभिन्न इस्लामी, हिन्दू, चीनी, थाई, इंडोनेशियाई, और मलय भोजन की प्रभावित है। निम्नलिखित कुछ मलेशियाई व्यंजन हैं:
नासी मलई : यह मलेशियाई नुडल्स होते हैं जिन्हें सामान्यत चिकन, बीफ, या सीफूड के साथ परोसा जाता है। इसमें स्पाइसी सास और चटनी को परोसा जाता है।
रोज़ाकेम: यह मलय भोजन का एक रूप है जिसमें बर्गर, सब्जी, और चावल के गोले आकार के पट्टे शामिल होते हैं। यह एक प्रकार की रोटी होती है जिसे बदलकर कई तरीकों से खाया जा सकता है।
नासी लेमक: यह मलेशियाई भोजन का ख़ास हिस्सा है और इस डिश में चावल को कोकोनट मिल्क और कई मसालों के साथ पकाकर बनाया जाता है।यह भोजन अक्सर मसालेदार सॉस, तली हुई कुरकुरी एंकोवी, भुनी हुई मूंगफली, उबले अंडे और ताज़े खीरे के साथ परोसा जाता है। जो की काफी टेस्टी होता है |
हैनस नासी लेमाक: यह चिकन की चटनी के साथ मिलता है और मलेशियाई चावल व्यंजन का एक प्रमुख हिस्सा है। रोज़ मलय्सिया: यह मलेशियाई ब्रेकफास्ट आइटम होता है, जिसमें अच्छे दिन का शुरुआत किया जाता है। इसमें दाल, इंडियन चपाती, और मलय नूडल्स शामिल होते है |
सते: यह मलेशियाई बटर चिकन होता है, जिसमें चिकन को बटर और गार्लिक सॉस में पकाकर बनाया जाता है। इस के अलावा भी बोहोत तरह के खाने मलेशिया में खाए जाते है |
मलेशिया में घुमने का खर्च :
मलेशिया में घुमने का खर्च आपकी यात्रा की अवधि, स्थल, और आपकी आरामदायकता पर निर्भर करेगा। नीचे, मैं आपको कुछ महत्वपूर्ण खर्च की एक आंशिक सूची प्रदान करता हूँ, लेकिन ध्यान दें कि यह सिर्फ एक अनुमान है और वास्तविक खर्च अन्यायित बदल सकते हैं:
उड़ान टिकट: आपकी प्राधिकृत उड़ान टिकट की कीमत आपके यात्रा के आगंतुक क्षेत्र से और आपके बहुतांश स्थलों से निर्भर करेगी।
बढ़िया होटल: आपके लिए चुने गए होटल के रूम और सुविधाओं की बदलती कीमतें हो सकती हैं।
भोजन: आपके भोजन की खर्च आपके आरामदायकता और आपके खाने की पसंदों पर निर्भर करेगा। आप बजट में खाने के स्थल चुन सकते हैं या फिर बड़े और विशेष रेस्तरां में जा सकते हैं।
परिवहन: आपके परिवहन के खर्च यात्रा के तरीके पर निर्भर करेंगे, जैसे कि आप टैक्सी, बस, ट्रेन, या फिर स्वयं चलने का विचार कर रहे हैं।
आकर्षणों का दर्शन: आपके द्वारा दर्शाये जाने वाले आकर्षणों के टिकट और दर्शन के खर्च भी एक महत्वपूर्ण भाग हो सकते हैं।
शॉपिंग: यदि आप खरीददारी करने का विचार कर रहे हैं, तो आपके वस्त्र, सौंदर्य उपकरण, और सूवनीर्स के लिए खर्च की बढ़ जाएगी।
अन्य खर्च: इसके अलावा, आपके यात्रा के दौरान अन्य खर्च भी हो सकते हैं, जैसे कि सिम कार्ड, इंटरनेट कनेक्शन, स्थलीय परिवहन, और टूर गाइड की फीस।
मलेशिया के रोचक तथ्य :
मलेशिया की कुल आबादी 32 लाख है |
पुरे देश में 13 राज्य है और 3
यहाँ 130 से ज्यादा भाषा बोली जाती है |
इस देश में रॉयल फेमली की तादाद बोहोत ज्यादा है
मलेशिया में इंडियन बोहोत र्तादाद में रहते है
इस देश में दुनिया की सब से बड़ी गुफा मौजूद है |
दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ इसी देश में देखने को मिलते है |
दुनिया का सब से बड़ा रफ्लेसिया नाम का फूल भी इस देश में देखने को मिलता है यह फूल 3 फिट तक फैले होते है |
दुनिया में सब से ज्यादा हाईवे मलेशिया में है |
अंग्रेजो मलेशिया छोड़ते वक्त बोहोत सी कीमती चीजो को अपने साथ लगये थे|
मलेशिया के थेटर में मूवी देखते वक्त लाइट बंद नहीं की जाती |
दुनी में सब से ज्यादा ज़हरीले साप इस देश में पाए जाते है |
दुनिया का सब से लम्बा ट्रोपिकल पेड़ तुआलांग इस देश में पाया जाता है |