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Saudi Arabia Symbol of Power and Progress-सऊदी अरब शरिया कानून पर चलने वाला देश -2024

Saudi Arabia Symbol of Power and Progress-सऊदी अरब शरिया कानून पर चलने वाला देश -2024

Saudi Arabia Symbol of Power and Progress-सऊदी अरब शरिया कानून पर चलने वाला देश -2024

Saudi Arabia Symbol of Power and Progress-सऊदी अरब शरिया कानून पर चलने वाला देश -2024

सऊदी अरब, जिसे आधिकारिक नाम से “सऊदी अरबिया” (Kingdom of Saudi Arabia) कहा जाता है, एक दक्षिण-पश्चिम एशिया में स्थित देश है जो पश्चिमी अरबिया में स्थित है। यह दुनिया के आमिर देशो में से एक है और इसकी भूमि में अत्यधिक पेट्रोलियम संसाधन है, जिससे यह एक अमीर देश है। यहाँ विस्तार से जानकारी दी जा रही है|

सऊदी अरब का इतिहास:

इस्लाम के आखरी पैगम्बर मुहम्मद  का जन्म सऊदी अरब में हुआ था, और इस देश में इस्लामकी शुरुआत हुई। और वहां पर ही उन्होंने इस्लाम के  बारे में बताना शुरू किया जिस की वजह से इस्लाम फैलने लगा । मक्का और मदीना दोनों सऊदी अरब में खास इस्लामीजगहे हैं।

मुहम्मद पैगम्बर का जीवन सादिक (Sadiq) और अमीन (Ameen) के उपनामों और सच्चे व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। मुहम्मद पैगम्बर  बचपन से ही ईमानदारी और नैतिकता के मामले में मशहूर थे।

सन् 610 ईसा पूर्व, मुहम्मद पैगम्बर को हिरा गुफा में वही {दिव्य आवाज} सुनाई दी जिसके बाद उन्होंने इस्लामिक पैगम्बर की पदवी को हासिल  किया। यह घटना हिज्र कहलाती है और इसे इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत के साथ मनाया जाता है।

मुहम्मद पैगम्बर पर आयाते फ़रिश्ते जिब्रील के द्वारा भेजी जाती थी| जिसे मुस्लिम स्वतंत्र वचन के रूप में मानते हैं। कुरान  इस्लामी धर्म के सिद्धांत, नीतियाँ, और गाइडलाइंस समेटे गए हैं।

मुहम्मद पैगम्बर ने अपने शिष्यों के साथ मक्का में कई वर्षों तक वक्त बिताया और उन्होंने इस्लाम का प्रचार किया। इस दौरान, उन्होंने सभी  आयातों  को जो जिब्रील {फ़रिश्ता }उन तक पोहचता था उन आयातों को लोगो तक पोह्चाते जो अब कुरान में शामिल हैं।

सऊदी अरब 20वीं सदी के आरंभ में आधिकारिक रूप से एक राज्य बना।

18वीं सदी में, मुहम्मद बिन सौद नाम के एक आलिम और वाहदाती नेता ने नज्द इलाके में सऊद वंश की स्थापना की। इसके बाद, सऊद वंश ने  अरब के कई इलाको पर कब्ज़ा कर लिया |

19वीं सदी में, सऊद वंश और उसके दुश्मन ,अल-रशीद नामक स्थानीय राजा के बीच आल-सौद और अल-रशीद युद्ध शुरू हुआ। सऊद वंश ने इस युद्ध को जीत कर अपनी सत्ता को बढ़ाया और अपने स्वराज्य को विस्तारित किया।

सऊदी अरब का संगठन: 20वीं सदी की शुरू में, सऊदी अरब का आधिकारिक नाम “सऊदी अरबिया” रखा गया और यह एक सुखद और अमीर देश बन गया जिसकी अर्थव्यवस्था पेट्रोलियम निर्यात पर आधारित थी।

सऊदी अरब ने 20वीं सदी के आधे में अपने समृद्धि के साथ-साथ इस्लामी विचारधारा के प्रचार को बढ़ावा दिया और विकास के कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की, जैसे कि बुर्ज ख़लीफ़ा टॉवर के निर्माण में भाग लेना।

सऊदी अरब और अमरीका के बीच  पेट्रोल की वजह से व्यापारिक सम्बन्ध अच्छे है। दोनों देशों के बीच रक्षा और वित्तीय सहयोग भी होता है।

सऊदी अरब का भूगोल:

देश का क्षेत्रफल लगभग 2,150,000 वर्ग किलोमीटर है और यह अरबियाई प्रायद्वीप के बड़े हिस्से को आवरण करता है। सऊदी अरब का मुख्य भाग वयुमंडलीय भूगोल में आता है, जिससे यहाँ की  जलवायु बोहोत  गर्म और उष्ण होती है। उत्तरी क्षेत्रों में साहरा की मृदु जलवायु होती है, जबकि पश्चिमी क्षेत्रों में आर्कटिक क्षेत्र का प्रभाव होता है।

सऊदी अरब की आबादी : 2021 में सऊदी अरब की आबादी लगभग 34.8 मिलियन थी।

सऊदी अरब की भाषा : आधिकांश लोग अरबी भाषा बोलते हैं, जो कुरान की भाषा है|और यह इस्लामी आधारित सऊदी अरब में रोज़मर्रा की बातचीत, लेखन, और शिक्षा की भाषा है। हालांकि अरबी ही आधिकारिक भाषा है, लेकिन अंग्रेजी भी वहां पर काफी प्रचलित है, और यह व्यापार, शिक्षा, और पर्यटन क्षेत्र में भी प्रयुक्त होती है।

सऊदी अरब का धर्म :

सऊदी अरब में इस्लाम धर्म का पालन किया जाता है और यह अरब का आधिकारिक धर्म है। मक्का और मदीना जैसे महत्वपूर्ण इस्लामी स्थल भी सऊदी अरब में स्थित हैं।सऊदी अरब का इस्लाम अपने मानव अधिकारों के मामले में सख्त है और यह इस्लामी धर्म के बहुमत के अनुसार चलाता है। वहां पर शरीयत कानून लागू होता है और इस्लामी नियमों का पालन किया जाता है।

हर साल लाखों मुस्लिम दुनियाभर से मक्का की तरफ हज़ यात्रा करते हैं, जो इस्लाम की पांच बुनियादो में एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्म है। इस्लामी विश्वासों और प्रथाओं के मामले में, सऊदी अरब को मुस्लिम समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में माना जाता है और यह इस्लामिक धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है।

सऊदी अरब  की अर्थव्यवस्था : सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पेट्रोलियम निर्यात पर निर्भर करती है। यह पेट्रोलियम उत्पादों के आयात और निर्यात का एक खास केंद्र है। सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) निर्माता है और यह पेट्रोलियम उत्पादन के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी निर्माता भी है।

यह पेट्रोलियम के निर्यात के लिए दुनिया भर में खास जगह बनाऐ हुए है| और इसकी अर्थव्यवस्था पेट्रोलियम सेक्टर पर अधिरूपित है।सऊदी अरब पेट्रोकेमिकल उत्पादन में भी महत्वपूर्ण खिलाड़ी है और विभिन्न पेट्रोकेमिकल उत्पादों के निर्माण में सक्रिय है। सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में अन्य क्षेत्रों जैसे कि निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, त्वरित उत्पादन, औद्योगिक वित्त, और सेवाएँ भी महत्वपूर्ण हैं।

सऊदी अरब ने विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है|और अपने अर्थव्यवस्थिक दिनांकों को बोहोत सी  दिशाओं में फेला रहा है। सऊदी अरब की सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था को और नौकरी के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई  कदम उठाए हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहे है।

सऊदी अरब की संरचना:

यह एक शासनात्मक सल्तनत है जिसमें राजा का प्रमुख अधिकार होता है। सऊदी अरब में इस्लामी कानून और शरीयत का पालन किया जाता है। सऊदी अरब का राजनीतिक और प्रशासनिक संरचना एक शाही परिप्रेक्ष्य में है, जिसमें देश का सियासी और प्रशासनिक निर्णय शाह या  मौखिके मिनिस्टर के द्वारा लिया जाता है।

सऊदी अरब में कई मिनिस्ट्रीज और सरकारी विभाग हैं, जिनमें कई क्षेत्रों के मामले पर नियंत्रण होता है, जैसे कि वित्त, पेट्रोलियम, शिक्षा, स्वास्थ्य, और विमानन। यह संगठन सऊदी अरब की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है और पुलिस, सुरक्षा बल, और अन्य सुरक्षा संगठनों को प्रबंधित करता है।यह संगठन सऊदी अरब की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और यह आर्म्ड फोर्स के रूप में कार्य करता है। सऊदी अरब में राजा शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज आल-सऊद के नेतृत्व में हैं और उनके बाद वाले विशेषाधिकारी सियासी पदों पर बैठते हैं।

सऊदी अरब में शर्यती कोर्ट्स और कानूनी प्रणाली इस्लामिक कानून के आधार पर काम करती हैं और विधायिका, उच्चायुक्त अदालत, और  विशेषाधिकारी अदालतों के माध्यम से व्यवस्थित हैं। सऊदी अरब में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है और वहाँ कई स्कूल, कॉलेज, और विश्वविद्यालय हैं जो विभिन्न शैली और पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्रदान करते हैं। सऊदी अरब में शहरी विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर का अद्वितीय महत्व है। बड़े शहरों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईवे, और सार्वजनिक परिवहन  व्यवस्था है।

सऊदी अरब की सांस्कृतिक धरोहर: इस देश की सांस्कृतिक धरोहर मुख्य रूप से इस्लामी है, और इसमें कुरान के प्रति विशेष भक्ति और इस्लामी कला और विरासत शामिल हैं। सऊदी अरब में बोहोत से खास इस्लामिक संरचनाएँ हैं जैसे कि मक्का और मदीना, जो इस्लाम के दो खास  तीर्थ स्थल हैं। सऊदी अरब में इस्लामिक कला की एक खास जगह है, और यहाँ पर मोस्क, मदरसों, और कुरान शिक्षा केंद्र होते हैं।इस्लामिक त्योहार जैसे कि ईद और रमजान सऊदी अरब में धूमधाम से मनाए जाते हैं, जो व्यक्तिगत और सामाजिक सांस्कृतिक धरोहर क हिस्सा हैं।

सऊदी अरब में कई तरह के गाने, नृत्य, किस्से, और परंपराएँ हैं जो स्थानीय धरोहर का हिस्सा हैं। सऊदी अरब के लोग अपने परिधान को और व्यक्तिगतता को महत्व देते हैं। लोग यहाँ ट्रेडिशनल इस्लामिक कपडे पहनते हैं, जैसे कि अबाया और थौब। सऊदी अरब में कला और शिल्पकला का धर्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और यहाँ पर खगोल तस्वीरकला, चित्रकला, और संगीत के कई प्रकार होते हैं। सऊदी अरब की आकृति में वा वादियों, मरुस्थलों, और सूखे इलाकों की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य हैं, जिन्हें लोग बहुत महत्व देते हैं।

सऊदी अरब की पर्यटन स्थल :

सऊदी अरब में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के पर्यटन स्थल हैं, जैसे कि मक्का और मदीना, रियाद, जिद्दा, और रेड सी खाड़ी के समुंदर किनारों के साथ कई खास शहर भी है|

 1.अलउला:

यहां आपको आधुनिक वास्तुकला, हेगरा और प्राकृतिक चट्टानें देखने को मिल जाएंगी। यहां चट्टानों पर प्राचीन शिलालेख भी देखने को मिलते हैं जिस से आप को इतिहास जानने को मिलेगा

2.मैदान सालेह:

यह नबातियन का दूसरा शहर था। इसे सऊदी अरब में अल-हिज्र और हेग्रा के रूप में भी जाना जाता है। इस जगह आप को पहाड़ो में बड़े बड़े महल नुमा घर देखने को मिलेगे  इस का पेट्रा और मक्का के बीच लगभग आधा हिस्सा मौजूद है।

3.दिरियाह:

दिरियाह रियाध के बाहरी इलाके में युनेस्को साईट वर्ल्ड हेरिटेज साइट है,यहां आपको सऊदी म्यूजियम मिलेगा, जो आपको यहां के इतिहास और संस्कृति के बारे में बताएगा |सलवा पैलेस भी आप यहाँ देख सकते है |

4.द सिटी ऑफ रोजेज:

यहां आपको कई ऐसे व्यंजन मिल जाएंगे, जिनमें स्थानीय गुलाब जल का इस्तेमाल किया जाता है। ये खाने को एक अलग स्वाद देते हैं।यहां अलग-अलग तरह के गुलाब आप को यहाँ देख ने को मिलेगे

5.रियाध का चिड़ियाघर:

रियाध यहाँ के सबसे ख़ास शहरों में शुमार है। 55 एकड़ में फैले रियाध के चिड़ियाघर का नज़ारा भी इस शहर की सुंदरता को  बढ़ाते है | यहाँ पर आपको 1500 जीव जन्तुओं की 40 से अधिक प्रजातियाँ मिल जाएँगी,

6.उमलुज:

यह सऊदी अरब के उत्तर पश्चिम में एक छोटा सा शहर है यह यानबु के 150 किमी उत्तर में और लाल सागर के ठीक बगल में हैपश्चिमी सऊदी अरब में यान्बु के उत्तर में 147 किमी तक फैला हुआ है। छोटा होने के बावजूद भी यह स्थान बेहद खास है टूरिस्ट के बिच|

7.अल शलाल थीम पार्क:

अल शलाल थीम पार्क अपने आप में ही अद्भुत जगह है।बच्चों के खेलने के लिए रोलर कोस्टर, अमेज़न राइड और आइस स्केटिंग का मज़ा ले सकते हैं।

8.मदीना :

मक्का के बाद दूसरा सब से बड़ा धार्मिक स्थल मक्का में गैर मुस्लिमो को आने की अनुमति नहीं हे मगर मदीना में गैर मुस्लिम जा सकते है यहाँ प्रोफेट मुहम्मद की कब्र है उसी घर में उन को दफनाया गया था जहा वह रहते थे |

सऊदी अरब की भारत-संबंध:

भारत और सऊदी अरब के बीच दिलचस्प राजनयिक और आर्थिक संबंध हैं। यहां कई भारतीय लोग काम करते हैं और भारतीय प्रवासियों के लिए सऊदी अरब एक खास प्रवासी कामगार गठबंधन है।

सऊदी अरब और भारत के बीच व्यापारिक रूप से महत्वपूर्ण संबंध हैं। यह दोनों देश एक-दूसरे के प्रमुख व्यापारी साथी हैं और तेल, गैस, पेट्रोकेमिकल्स, और अन्य उत्पादों के व्यापार में शामिल हैं।

सऊदी अरब में भारतीय नृत्य और संस्कृति के प्रतिनिधित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है। वहां भारतीय कला और संस्कृति की कई प्रकार की प्रदर्शनियों और महोत्सवों का आयोजन किया जाता है।

सऊदी अरब इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, और भारत में भी इस्लाम एक महत्वपूर्ण धर्म है। इन दोनों देशों के बीच धार्मिक और आध्यात्मिक संबंध हैं।

भारत और सऊदी अरब के बीच सुरक्षा और सामरिक सहयोग के कई पहलु हैं, जैसे कि युद्धकला के आपसी अद्यतनिकीकरण और सामरिक अभिवादन।

भारत में अनुमानित 2 मिलियन से अधिक सौदी अरबी नागरिक हैं, जो मुख्य रूप से व्यापार और नौकरियों के लिए भारत आते हैं। इसके अलावा, भारत में कई सऊदी अरब के नागरिक अपने धार्मिक यात्राओं के लिए आते हैं।

सऊदी अरब की करेंसी {मुद्रा }:

सऊदी अरब की मुद्रा रियाल (SAR) है। यह रियाल के संक्षिप्त रूप में जानी जाती है। 1 सऊदी रियाल (SAR) के बराबर अन्य मुद्राओं की मूल्य निम्नलिखित है:

1 SAR ≈ 20.0 भारतीय रुपया (INR)
1 SAR ≈ 0.27 अमरीकी डॉलर (USD)

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