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वैष्णोदेवी:आस्था, शक्ति और चमत्कार 2024

वैष्णोदेवीवैष्णोदेवी:आस्था, शक्ति और चमत्कार

वैष्णोदेवी का इतिहास

जानेगे ऐसी देवी के बारे मे जिस का निवास पहाड़ो मे है |वैष्णोदेवी (Vaishno Devi) का इतिहास भारतीय पुराणों और लोककथाओं से जुड़ा हुआ है। वैष्णोदेवी एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थान है जो जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है। यह स्थान हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है और माता वैष्णवी की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर जम्मू के रियासी मंडल में कटरा नगर से  12 km की दुरी पर स्थित है, यह मंदिर त्रिकुटा पर्वत  पर  5,200 फ़ीट की ऊंचाई पर  एक गुफा में स्थित है|

वैष्णोदेवी को माता रानी, वैष्णवी,दुर्गा, तथा शेरावाली  जैसे अनेक नामो से भी जाना जाता है| वेद पुराणो के हिसाब से ये मंदिर 108 शक्ति पीठ मे भी शामिल है। यहाँ तक पोहोचने के लिए 14 km की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है| घोड़ा, पिठु, पालकी, हेलिकॉप्टर, ट्राम रोपवे जैसी अनेक सुविधाए यहाँ पर आसानी से मिल जाती है  ।

संभवतः वैष्णोदेवी का पहला उल्लेख वैष्णवी खंड में मिलता है, जिसमें इसका वर्णन  श्रीमदभागवत  महापुराण में भी मिलता है। वैष्णवी खंड में वर्णित है कि देवी वैष्णवी, श्रीदेवी और भूमि देवी के रूप में जानी जाती हैं।

इसके अनुसार, देवी वैष्णवी ने महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के रूप में भगवान विष्णु की विभिन्न अवतारों का जन्म लिया था। वे माता भुमि के रूप में पृथ्वी पर आए और भक्तों को सुख, संतोष और आनंद प्रदान करने का वचन दिया।

वैष्णोदेवी के बारे में एक प्रसिद्ध कथा है जिसमें कहा जाता है कि एक ब्राह्मण पंडित ने अपने बच्चे की विवाह के समय अनाज और घी की विशेषता से यात्रा के लिए बुलाया। पंडित ने आशीर्वाद में कहा कि देवी उनके घर आएगी।

यात्रा के दौरान, ब्राह्मण पंडित के बच्चे ने एक स्थान पर माता वैष्णवी को पहचाना और उन्हें यात्रा के लिए आमंत्रित किया। यहां से माता वैष्णवी ने तीर्थस्थान के रूप में पहचान प्राप्त किया और यहां तक कि आज तक वैष्णोदेवी तीर्थस्थान के रूप में मान्यता रखता है।

मान्यता के अनुसार भवन वह जगह है जहा माता ने भैरवनाथ का वध किया था उस का सर 3 km दूर गिरा और शरीर वही रह गया जहा सर गिरा था आज वहा  भैरवनाथ के नाम से एक मंदिर है,वैष्णोदेवी के मंदिर को धीरज धाम कहा जाता है और यह जम्मू शहर से करीब 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यात्री उससे पैदल, गाड़ी, या पोनी की सहायता से पहुंच सकते हैं। यहां पर पहुंचने के बाद, यात्रीगण माता वैष्णवी की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

यह मंदिर भारतीय धर्म और तपस्या की महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है और भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। वैष्णोदेवी जी को भारतीय नारी की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक माना जाता है और वे अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने की मान्यता रखती हैं।

वैष्णोदेवी मंदिर की कुछ खास जान्ने लायक तथ्य :

वैष्णोदेवी, भारतीय हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है जो जम्मू-कश्मीर राज्य के कट्रा जिले में स्थित है। यह स्थान भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे प्रमुख माना जाता है और सालाना लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यहां स्थित माता वैष्णोदेवी मंदिर, शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण मान्यताओं के अनुसार यहां माता वैष्णोदेवी का वास स्थान है।

यहां जाने के लिए श्रद्धालुओं को पहले पहाड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है ताकि वे मंदिर की पवित्रता का आनंद ले सकें। यात्रा के दौरान, श्रद्धालुओं को माता वैष्णोदेवी के विभिन्न रूपों का दर्शन करने का अवसर मिलता है, जैसे कि माता कालरात्रि, माता महाकाली और माता सरस्वती। इसके अलावा, यहां पर्वती के रूप में पूजा जाती है, जो हिन्दू देवी माता की एक प्रमुख स्वरूप है।

माता वैष्णोदेवी मंदिर में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पहले कटरा शहर से श्री वैष्णोदेवी भवन तक यात्रा करनी पड़ती है। यहां से श्रद्धालु चाल, हिकिंग या पालकी के माध्यम से पहाड़ी चढ़ाई करते हैं। यात्रा का दौर प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है, जहां पर्वतीय दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।वैष्णोदेवी मंदिर के निकट ही श्रद्धालुओं के आवास के लिए विभिन्न आवास सुविधाएं उपलब्ध हैं। मंदिर के आस-पास बाजारों की व्यापारिक गतिविधियां हैं जहां श्रद्धालु वस्त्र, पूजा सामग्री, और स्वर्ण और चांदी के आभूषणों को खरीद सकते हैं

वैष्णोदेवी यात्रा विशेष महत्वपूर्णता रखती है और इसे सबसे अच्छे तरीके से आयोजित करने के लिए सरकार और प्रशासनिक निकायों द्वारा कई उपाय अपनाए गए हैं। मार्ग सुविधा, स्थानीय परिवहन, भोजन और आवास की सुविधाएं, और चिकित्सा सेवाएं सभी श्रद्धालुओं के लिए सुलभ होती हैं।

वैष्णोदेवी की यात्रा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के साथ एक अनुभवमयी यात्रा है। इस यात्रा में श्रद्धालु अपनी आध्यात्मिक भावनाओं को संदर्भित करते हुए साथी श्रद्धालुओं के साथ मिलकर आगे बढ़ते हैं। यह यात्रा भारतीय संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और देश के अनेक धार्मिक परंपराओं के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।

वैष्णोदेवी के मंदिर और इसकी यात्रा का अनुभव एक साधारण शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। यह एक आध्यात्मिक और आनंदमय अनुभव है जो अनंत श्रद्धालुओं को वास्तविक स्थानीयता के साथ जोड़ता है। वैष्णोदेवी यात्रा एक आध्यात्मिक संगठन की ओर से प्रबंधित की जाती है और श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है जो स्वार्थ से परे है और उन्हें सत्य, शान्ति और आनंद की अनुभूति देता है।

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वैष्णोदेवी की चढ़ाई कितनी है:

जम्मू से कटरा तक की यात्रा: पहले, यात्री को जम्मू से कटरा तक की यात्रा करनी पड़ती है। जम्मू से कटरा तक की यात्रा को बस, रेल या खुद की गाड़ी के जरिए किया जा सकता है। इस यात्रा की दूरी लगभग 42 किलोमीटर है।

कटरा से बंगंगा तक की यात्रा: वैष्णोदेवी यात्रा की अगली चरणी है कटरा से बंगंगा तक की यात्रा। इस यात्रा को पैदल या पोनी की सहायता से किया जा सकता है। दूरी लगभग 12 किलोमीटर है और इसमें ट्रैक और आध्यात्मिक स्थलों का दौरा शामिल होता है।

बंगंगा से भवन तक की चढ़ाई: बंगंगा श्रद्धालुओं को माता वैष्णवी के भवन तक चढ़ाई करनी होती है। इस चढ़ाई के लिए, यात्री को श्रद्धालु पथ का उपयोग करके चढ़ाई करनी पड़ती है। यह दूरी लगभग 6 किलोमीटर की है और इसमें सीढ़ियाँ होती हैं।

वैष्णोदेवी मे कितनी सीढिया है :

माता वैष्णोदेवी मंदिर की चढ़ाई में कुल मिलाकर 5,200 सीढ़ियां हैं। यह सीढ़ियां पूरे मार्ग पर बनाई गई हैं ताकि श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक पहुंच सकें। यात्रियों को इन सीढ़ियों को पैदल चढ़ना होता है या वे पोनी या पालकी की सहायता ले सकते हैं। सीढ़ियों की लंबाई और ढालन यात्री की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं।

माता  वैष्णोदेवी  रोपवे का किराया :

माता वैष्णोदेवी के लिए रोपवे सुविधा उपलब्ध है जिसे हेलीड्रोम के पास स्थित बंगंगा स्थान से भवन तक चलाया जाता है। वैष्णोदेवी रोपवे की किराया वार्यंत में अलग-अलग हो सकती है और सीजन के आधार पर भी बदल सकती है। किराया अनुमानित रूप से 1000 रुपये से शुरू होकर 1300 रुपये तक हो सकती है।

वैष्णोदेवी का मंदिर का रास्ता :

वैष्णोदेवी मंदिर तक पहुंचने के लिए विभिन्न मार्ग होते हैं। इसे पैदल या वाहनों की सहायता से पूजा करना संभव होता है। निम्नलिखित रास्ते पर मंदिर तक पहुंचा जा सकता है:कटरा मार्ग: यह सबसे प्रमुख मार्ग है और अधिकांश यात्री इस मार्ग का उपयोग करते हैं। कटरा से मंदिर तक की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। इस मार्ग पर यात्री चढ़ाई करते हैं और उन्हें रास्ते में धार्मिक स्थलों का दौरा करना पड़ता है। यह मार्ग खुदाई, गुरुत्वाकर्षण, और पहाड़ी रास्ते से गुजरता है।

हेलीकॉप्टर सेवा: यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है जो कटरा और संजीवनी बूटी के बीच ऑपरेट की जाती है। इस सेवा का उपयोग करके यात्री मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। हेलीकॉप्टर सेवा के लिए आपको अलग से टिकट बुक करने की आवश्यकता होती है।

पोनी या पालकी सेवा: कटरा से मंदिर तक की यात्रा के लिए आप पोनी या पालकी सेवा का उपयोग कर सकते हैं। ये सेवाएं उपलब्ध होती हैं और यात्री को आसानी से मंदिर तक पहुंचाती हैं।

यात्रियों को इन मार्गों में संगठित और सुरक्षित रूप से निर्देशित किया जाता है। यहां तक कि मार्ग पर धार्मिक स्थलों, आहार-विहार की सुविधाओं, और रेस्टरॉम की व्यवस्था भी होती है। यात्रियों को सुरक्षा के लिए उपयुक्त सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

वैष्णोदेवी जाने का सही मोसम :

वैष्णोदेवी जाने का सबसे उपयुक्त मोसम निर्धारित करना कठिन होता है, क्योंकि मंदिर के पास की स्थिति और मौसम के परिवर्तनों के आधार पर यह बदलता रहता है। हालांकि, आमतौर पर इन महीनों में यात्रा करना अधिक सुविधाजनक होता है:

अक्टूबर से नवंबर: यह मंदिर यात्रा करने के लिए एक अच्छा महीना है, क्योंकि इस समय में मौसम सामान्य रूप से सुहावना होता है और तापमान उच्च नहीं होता है।
मार्च से जून: यह भी एक उत्तम मौसम का माह होता है, जब शीतल और स्वच्छ मौसम होता है। यह मंदिर यात्रा करने के लिए अच्छा मौसम होता है, लेकिन यहां अधिक भीड़ हो सकती है।

वैष्णोदेवी जानेका खर्चा :

वैष्णोदेवी जाने का खर्चा यात्रा के तरीके, आपकी स्थानांतरण प्राथमिकता, आवास के प्रकार और खानपान की व्यवस्था आदि पर निर्भर करेगा। यहां वैष्णोदेवी जाने के लिए आपकी एक सामान्य केवल खर्चा अनुमानित दिया जा रहा है:

यात्रा व्यय: यात्रा के लिए व्यय ट्रांसपोर्टेशन (जैसे कि उड़ान, बस, रेलगाड़ी), यात्रा की आयोजना, और इंटरसिटी यात्रा के लिए टिकट शामिल करता है। इसमें यात्रा के लिए यात्री को वाहन या हेलीकॉप्टर के बिल और बुकिंग शामिल हो सकती है।

आवास: यात्रियों को विभिन्न आवास के विकल्प उपलब्ध होते हैं, जैसे कि होटल, धर्मशाला, यात्रा भवन आदि। आपके आवास के प्रकार और सुविधाओं के आधार पर खर्च बदल सकता है।

पूजा और धार्मिक सामग्री: वैष्णोदेवी के मंदिर में पूजा के लिए धार्मिक सामग्री खरीदनी पड़ सकती है। इसमें पूजा सामग्री, प्रसाद, और अन्य धार्मिक आवश्यकताएं शामिल हो सकती हैं।

भोजन: खानपान की व्यवस्था भी खर्च में शामिल होगी। यात्री अपनी प्राथमिकताओं और प्राथमिकताओं के आधार पर खाना खरीद सकते हैं, जैसे कि रेस्टोरेंट, धर्मशाला की भोजन व्यवस्था, या खुद के खाने की व्यवस्था कर सकते हैं।

व्यक्तिगत आपूर्ति, यात्रा आयोजना, और आवश्यकताओं के आधार पर व्यक्तिगत खर्चा भिन्न होगा। आपको यात्रा की आयोजना बनाते समय इन तत्वों को ध्यान में रखना चाहिए और आपके बजट के अनुसार यात्रा की योजना बनानी चाहिए।

निष्कर्ष

वैष्णोदेवी का मंदिर कटरा के पास स्थित है और यात्री को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है ताकि वे मंदिर तक पहुंच सकें। चढ़ाई के दौरान यात्री अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से परिश्रमशील करते हैं और अपनी आस्था और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं।

वैष्णोदेवी यात्रा धार्मिक महत्व के साथ-साथ एक आनंददायक अनुभव भी है। यह यात्रा विशेष धार्मिक प्रक्रियाओं, पूजा-अर्चना, आराधना और संगठनशीलता का अवसर प्रदान करती है। यहां आने वाले भक्तों को माता वैष्णवी के आशीर्वाद का अनुभव होता है और उन्हें आध्यात्मिक संवाद का मौका प्राप्त होता है।

इसलिए, वैष्णोदेवी की यात्रा एक मान्यता से भरी हुई, धार्मिकता और आध्यात्मिक आनंद का महान अनुभव है जो यात्रियों को एक आदर्श और सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है।

 

 

 

 

 

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