Best information about surat -सूरत की पूरी जानकारी और इतिहास-सूरत: हीरों की नगरी 2024
आज हम जानेगे एक ऐसे शहर के बारे मे जो गुजरात का सब से आमिर शहर है इस लेख मे Best information about surat -सूरत की पूरी जानकारी और इतिहास आज आप को जान्ने को मिलेगा
आज हम एसी जहग के बारे मे बताने जा रहे है जिस का नाम सूरत है और नाम की तरह इस शहर का काम भी उतना ही खुबसूरत है | यदि बात हो शहर की स्वच्छता की या टेक्स अदा करने की यह शहर सब सेआगे रहता है|तो चलिए जानते है Best information about surat मे सूरत सिटी के बारे मे विस्तार से इस लेख मे जानेगे |
सूरत का इतिहास:
सुरत का इतिहास बहुत प्राचीन है सूरत का इतिहास वेदों के काल से शुरू होता है। और इसका अतीत भारतीय ऐतिहासिक और व्यापारिक विकास के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। सूरत के नाम का उल्लेख प्राचीन भारतीय पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।प्राचीन काल मे सूरत का नाम सूर्य पुर था सूर्य भगवान का शहर। कब यह शहर सुर्यपुर से सूरत हो गया यह किसी को नहीं पता लोक कथाओ के अनुसार यह मानना है के सूरत ही वह स्थान है जहा भगवन कृष्ण मथुरा से द्वारका जाते समय रुके थे|
तापी नदी इस शहर की बिच से हो कर गुज़रती है |भारत मे सब से पहले सूरत शहर मे ही सडको पर cctv कैमरे लगाऐ गऐ थे सूरत को गुजरात की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है क्यों की सूरत अपने उद्योगों के कारण 60 बिलियन से भी ज्यादा GDP पार कर गई है |गुजरात मे दूसरा तो इंडिया मे आठवा सब से बड़ा शहर इस को माना जाता है विश्व के 90% हीरे की कटिंग और पोलिशिंग सूरत मे ही होती है,
इस के बाद ही सूरत से हिरा पुरे विश्व मे जाता है इस व्यवसाय मे 8से 10 लाख लोग जुड़े हुए है हीरे के कारखाने की नालियों मे हीरे के कटिंग के दोरान टूटे हुए टुकड़े बह जाते है और नाली साफ़ करने वाले इस को इकठा करते है और बेच कर अच्छी रकम कमाते है|
इस के अलावा रेशम, टेक्सटाईल ,लूम्स का उद्योग भी अच्छी मात्रा मे होता है |सूरत भारत का तीसरा सब से स्वच्छ शहर घोषित हुआ है सूरत मे 89% लोग पढ़े लिखे होते है |सूरत की बारडोली शुगर फेक्टरी एशिया की सब से बड़ी शुगर फेक्टरी है सूरत शहर भारत का सब से ज्यादा टेक्स देने वाला शहर है सूरत के एक हिरा व्यापारी घनश्याम भाई धनजी भाई ढोलकिया हर साल अपने कर्मचारियों को बोनस मे लक्ज़री कार और फ्लेट देते है |सूरत मे 2006 मे बाढ़ के दोरान सूरत का 80-90 %हिस्सा पानी मे डूब गया था इतना नुकसान होने के बावजूद भी 2 ही महीने मे सूरत फिर अपनी रफ़्तार पर आगया था |
यह शहर दुनियाभर में सूरत हीरा और कपड़ा व्यवसायों के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। दुनियाभर के बाज़ारों में कुल हीरों के 92 प्रतिशत हीरे सूरत में काटे और पॉलिश किए जाते हैं। एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार इसे दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते हुए शहरों में चौथे स्थान पर रखा गया है। इन व्यावसायिक पहलुओं के कारण इस शहर को गुजरात की कमर्शियल राजधानी माना जाता है।
12वीं सदी से यहाँ पारसी आकर रहने लगे थे। बाद में, कुतुबुद्यीन ऐबक द्वारा हमला किए जाने तक सूरत पश्चिमी चालुक्य साम्राज्य का एक भाग था। 1514 में, गोपी नाम के एक ब्राह्मण ने जो गुजरात सल्तनत में एक महत्वपूर्ण अधिकारी था, व्यापारियों को सूरत में बसने के लिए राज़ी कर लिया | जिस के कारण यह एक बड़ा व्यापारिक केंद्र बना 12वीं से 15वीं शताब्दी तक यह शहर मुस्लिम शासकों, पुर्तग़ालियों, मुग़लों और मराठों के आक्रमणों का शिकार हुआ। 1514 में पुर्तग़ाली यात्री दुआरते बारबोसा ने सूरत का वर्णन एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में किया था।
18वीं शताब्दी में धीरे-धीरे सूरत का पतन होने लगा था। उस समय अंग्रेज़ और डच, दोनों ने सूरत पर नियंत्रण का दावा किया, लेकिन 1800 में अंग्रेज़ों का इस पर अधिकार हो गया। इस शहर की सुरक्षा के लिए सुल्तान ने एक दीवार का निर्माण करवाया जिसका सबूत उसके अवशेषों में पाया जा सकता है जो आज भी मौजूद हैं। इस के अलावा सूरत बंदरगाह हज के लिए मक्का जाने वाले मुस्लिम तीर्थयात्रियों के लिए प्रस्थान स्थान बन गया था। आज भी वह जगह मक्काइ पुल के नाम से जानी जाती है इस के पश्चात् ईस्ट इंडिया कंपनी के जहाज़ों ने भारत मे घुसने के लिए इसी बंदरगाह को पसंद किया
मक्काई पुल पुर्तग़ालियों द्वारा सूरत को जला दिए जाने के बाद यह एक बड़ा विक्रय केंद्र बना, जहाँ से कपड़े और सोने का निर्यात होता था। वस्त्रोद्योग और जहाज़ निर्माण यहाँ के मुख्य उद्योग थे।वर्तमान में सूरत शहर देश में वस्त्र निर्माण में प्रथम स्थान पर है। यहाँ पर हर प्रकार के वस्त्रों साड़ी, ड्रेस मैटेरियल और सभी प्रकार के रेडीमेड वस्त्रों का भी वृहत् पैमाने पर उत्पादन होता है।
आर्यों के आगमन के बाद सूरत एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र बन गया था। गुजरात के भारतीय इतिहास में यह एक प्रमुख शहर था जो साम्राज्यिक और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र था। मुगल काल के दोरान मुघल सम्राट अकबर के शासनकाल में गुजरात की राजधानी भी रहा था। सूरत का इतिहास निम्नलिखित अवधारणाओं से भरा हुआ है:
सुरत शहर को और भी नामो से जाना जाता है जैसे डायमंड सिटी और सिल्क सिटी क्यों की सूरत की पहचान उस के कपडा उद्योग और हिरा उद्योग से भी होती है यहाँ पर भारत के लगभग सभी राज्यों के लोग निवास करते है।इसी कारण यह “मिनी भारत”के नाम से भी जाना जाता है |
सूरत ने मुघल सम्राज्य के शासनकाल में भारतीय व्यापार, विज्ञान, कला, और सांस्कृतिक जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुघल सम्राट अकबर और उसके पुत्र जहांगीर ने शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जहांगीर ने व्यापार को प्रोत्साहित किया और अनेक उद्योगिक कारखाने स्थापित किए।
17वीं शताब्दी में पुरातात्विक खोजों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने सूरत को अपना मुख्य कारखाना बना लिया। विदेशी व्यापारियों के साथ व्यापार करने का यह केंद्र बन गया था और इसका शहर में विकास हुआ। ब्रिटिश काल के दौरान इसे गुजरात की राजधानी से बदलकर मुम्बई की राजधानी बना दिया गया।
स्वतंत्रता आंदोलन: सूरत ने स्वतंत्रता आंदोलन के कई मोड़ पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधीजी के नेतृत्व में दांडी मार्च और स्वदेशी आन्दोलन के दौरान सूरत भी अधिक गतिमान रहा।
सूरत और उस के आस -पास घुमने लायक जगह {tourist plase}:
जगदिश चन्द्र बॉस एक्वेरियम :यह देश मे अपनी तरह का पहला बहु विषयक अंडरवाटर एक्वेरियम है |जिस का नाम बंगाली वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र के नाम पर रखा गया | जिस मे आप को अनेको मछलियों की प्रजाति देखने को मिलेगी
डच गार्डन :यह गार्डन यूरोपीय शेली मे डिज़ाइन किया गया है गार्डन के एक और तापी नदी बहती है जो गार्डन की सुन्दरता को बढ़ादेती है |
हजीरा विलेज : अरब सागर के किनारे बसा यह गाव अपने समुद्री बिच के लिए और अपने उथले पानी की गहरी के कारण प्रसिद्द है |
डच कब्रिस्तान :डच और अर्मेनियाई के लोगो का कब्रिस्तान आप को यहाँ देखने को मिलेगा 16 वी शताब्दी मे यह व्यापारिक समुदाय सूरत आये थे इस जगह बैरन एड्रियन वान रीड का मकबरा भी मौजूद है|
तिथल बिच :यह भी एक आकर्षक बिच है यहाँ की रेती भी आप को काली नज़र आएगी यह सूरत से 90 km की दुरी पर है |
दांडी: दांडी वह जगह है सूरत के पास जहा 1930 मे महात्मा गाँधी द्वारा दांडी मार्च निकाला गया था|सूरत से इस की दुरी 70 km है |अंग्नरेजो द्वारा नमक पर लगाऐ गये कर के खिलाफ साबरमती से चलकर दांडी तक यात्रा की यह गाँधी जी के मुख्य आन्दोलन मे से एक था |
द ब्लेक सेंड दुम्मस बिच :यह बिच अपनी काली रेत के कारण प्रसिद्ध है लोगो का मानना है के यहाँ पहले हिन्दुओ का शमशान हुआ करता था इस कारण रेत काली हो गई है |सुवाली बिच : इस बिच को भारत के सभी समुद्र तटो मे सब से साफ़ माना जाता है |यह सूरत से 20 km की दुरी पर है |
सूरत कैसल :
यह 16वी शताब्दी का किला है इस किले को रजा सुल्तान महमूद तृतीय ने नगर निवासी और शाही परिवार की सुरक्षा के लिए बनवाया था |
विशेष उल्लेखनीय तथ्य:
सूरत एक समय में विश्वभर में प्रसिद्ध व्यापारिक नगरी था और यहां से भारतीय वस्त्र उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र था। जो की आज भी अपनी पहचान बनाऐ हुए है |
ब्रिटिश सम्राट्य के शासनकाल में सूरत को गुजरात की राजधानी से हटाकर मुम्बई की राजधानी बना दिया गया।
सूरत गांधीजी के स्वदेशी आन्दोलन के केंद्रीय स्थानों में से एक रहा, और यहां से विभिन्न स्वतंत्रता संग्राम समर्थकों ने अपनी योजनाएं आगे बढ़ाईं।
आज, सूरत एक उच्चकोटि का शहर है जिसमें व्यापार, वित्तीय उत्पादन, औद्योगिक विकास, और कला-संस्कृति का विकास निरंतर जारी है। यह शहर भारतीय इतिहास में एक गर्वनीय स्थान रखता है और विश्व भर के व्यापारिक नगरों में से एक बना हुआ है।
सूरत शिक्षा क्षेत्र :
सूरत एक विश्वस्तरीय शिक्षा हब है जो विभिन्न स्तरों पर शिक्षा प्रदान करता है। शहर में सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान हैं जो छात्रों को विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्रदान करते हैं। निम्नलिखित हैं सूरत की कुछ प्रमुख शिक्षा संस्थान:
वीर नर्मद साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी (Veermata Jijabai Technological Institute – VNSGU): यह गुजरात के सरकारी विश्वविद्यालयों में से एक है और विभिन्न उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान करता है। यहां विभिन्न विषयों में पोस्टग्रेजुएशन पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं।
सूरत विश्वविद्यालय (Surat University): यह दक्षिण गुजरात में स्थित एक अन्य गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी है जो विभिन्न स्तरों के शिक्षा पाठ्यक्रमों का आयोजन करती है।
सर लारेंस आइंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (Sir Lawrence Institute of Technology – SLIT): यह निजी प्रौद्योगिकी शिक्षा संस्थान है जो अधिकांश अद्यतन और विशेषज्ञता वाले पाठ्यक्रमों का आयोजन करता है।
श्री वैश्णव इंजीनियरिंग कॉलेज (Shree Vaisnav Engineering College – SVEC): यह गुजरात में प्रसिद्ध निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है जो विभिन्न शाखाओं में अध्ययन के लिए विद्यार्थियों को अवसर प्रदान करता है।
सुरत मेडिकल कॉलेज (Surat Medical College): यह विभिन्न चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए एक प्रसिद्ध सरकारी चिकित्सा कॉलेज है।
सूरत शहर में सरकारी और निजी विश्वविद्यालय, कॉलेज, इंजीनियरिंग स्कूल, आयुर्वेदिक संस्थान, फार्मेसी स्कूल, आदि कई विषयों में शिक्षा के अवसर प्रदान किए जाते हैं। शहर विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से विज्ञान, वाणिज्य, कला, और औद्योगिक विषयों में उच्च शिक्षा प्रदान करने का केंद्र है|
सूरत कृषि उद्योग :
सूरत के करीब गाव के लोग खेती करते है कपास, बाजरा, दलहन और चावल यहाँ की मुख्य पैदावार हैं।इस के अलावा केले, गन्ना, अंगूर की भी फसल यहाँ मुख्य तह होती है |
conclution:
Best information about surat blog में आप ने जाना के सूरत एक ऐसा शहर है जिसने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिकता के साथ संतुलित किया है। यह न केवल अपने उद्योग और व्यापार के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने अद्वितीय खानपान, वस्त्र और ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। सूरत की यह विशेषताएं इसे न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में एक विशेष स्थान दिलाती हैं। यदि आप संस्कृति, इतिहास और आधुनिकता का अद्वितीय मिश्रण अनुभव करना चाहते हैं, तो सूरत आपकी अगली यात्रा सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए।